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Maharashtra News : मुर्गी फार्म से कमाए ३० लाख !

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नांदेड़ का एक युवक आशीष एडके ने दो विषयों में पीजी पास करनेवाले युवक ने नांदेड़ में मुर्गी पालन का व्यापार शुरू किया है। वह इस व्यापार से 30 लाख रुपए महीना कमा रहे हैं। उच्च शिक्षा के साथ भी, कोई भी व्यक्ति सरकारी या निजी नौकरी की उम्मीद किए बिना व्यवसाय में अपार सफलता प्राप्त कर सकता है।

नांदेड़ के एक उच्च शिक्षित युवक ने यह साबित कर दिखाया है। आशीष एडके 33 वर्षीय युवक का नाम है, जिसने मुर्गीपालन व्यवसाय में कदम रखा है। आशीष एडके ने पुणे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में तीन साल बिताए। उन्होंने पीएसआई के पद के लिए आवश्यक एमपीएससी प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण की। हालाँकि, मुख्य परीक्षा में अभी भी सफल नहीं हो सका। इसलिए हताश होकर वह युवक सीधे गांव की ओर चला गया। पोल्ट्री फार्म व्यवसाय को एक स्टार्टअप के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया। आज उनका निर्णय अधिक लाभदायक प्रतीत होता है। आज वह इस व्यवसाय से प्रति माह 5 लाख आय कमा रहे हैं।

आशीष एडके नांदेड़ शहर के विजयनगर इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं। आशीष एडके के समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री पास की है। इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से अधिकारी बनने का सपना संजोया। 2015 में वह पुणे चले गए और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वह दो से चार अंकों से सफलता के करीब पहुंच रहा था। हालाँकि, यह सफलता लगातार उनसे दूर रही। इसलिए, बिना समय बर्बाद किये, वह नांदेड़ लौट आये।

आशीष को प्रोफेसर की नौकरी मिल रही थी। हालाँकि, उन्होंने नौकरी करने के बजाय अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। लेकिन फिर कोरोना वायरस ने देश में हड़कंप मची इस वजह से उन्हें डेढ़-दो साल तक घर पर ही रहना पड़ा। कोरोना काल में आशीष ने मोबाइल फोन पर विभिन्न व्यवसायों के बारे में जानकारी हासिल की। आशीष को एहसास हुआ कि कम समय में अधिक पैसा देनेवाला व्यवसाय 'पोल्ट्री फार्मिंग' है इसीलिए उन्होंने यह व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। घर से मिले कुछ पैसे और मुर्गी पालन के लिए बैंक ऋण का उपयोग करके, उन्होंने 2023 में नांदेड़ के पास नीला परिसर के एक खेत में मुर्गी पालन के लिए एक संलग्न शेड बनाया। शुरुआत में इस सारे काम की कुल लागत 80 लाख तक थी।

आशीष ने एक एकड़ जमीन पर दस हजार फुट का पोल्ट्री शेड बनाया। इस शेड में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। इसमें सर्दियों में मुर्गियों को गर्म रखने के लिए आवश्यक सभी चीजें मौजूद हैं, जिनमें हीटर, विभिन्न लाइटें, स्वचालित भोजन और पानी डिस्पेंसर, गर्मियों के लिए शीतलन और बिजली के लिए इन्वर्टर शामिल हैं।

इस पोल्ट्री फार्म में एक बार में 15,000 मुर्गियां का प्लॉट लेने की व्यवस्था है। एक वर्ष में ऐसे छह भूखंड बनाए जाते हैं। इस मुर्गियों को बिक्री के लिए तैयार होने में लगभग 45 दिन लगते हैं। इसके बाद, जब मुर्गियां पूरी तरह से विकसित हो जाती है, तो मुर्गियों का प्लॉट उसी समय कंपनी को बेच दिया जाता है। संबंधित कंपनी प्लॉट पर आती है, तैयार माल खरीदती है ।

पोल्ट्री फार्म के लिए जरूरी चूजे और फीड कंपनी की ओर से मुहैया कराई जाती है। 45 दिन के प्लॉट के लिए 20 लाख रुपए मूल्य के खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। इसलिए, चार लाख चूज़ों की ज़रूरत है। इस प्रकार चूजों और भोजन की लागत निकालने के बाद इस व्यवसाय से पांच लाख तक का मुनाफा हो जाता है। तो वहीं एक साल में 30 लाख रुपए कमाते है।

यदि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है, तो कृषि से जुड़े युवाओं को पूरक व्यवसायों की ओर रुख करना चाहिए। इनमें से उन्हें ऐसा व्यवसाय चुनना चाहिए, जो कम समय में अधिक लाभ दे सके।" आशीष एडके ने युवाओं से अपील की, "नौकरी के पीछे भागने के बजाय उन्हें अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहिए और रोजगार पैदा करने वाले हाथ बनना चाहिए।"


Updated : 9 March 2025 3:51 PM IST
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