भारत की अर्थव्यवस्था के चार स्तंभ: भविष्य का खाका !
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भारत के $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ते कदम चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित हैं - बुनियादी ढांचा, आजीविका, मानव संसाधन और उद्योग। इन परस्पर संबंधित क्षेत्रों को मजबूत करना समावेशी और टिकाऊ विकास के लिए आवश्यक है।
बुनियादी ढांचा (जल, ऊर्जा, परिवहन और संचार) किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारतनेट, भारतमाला, और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं ने कनेक्टिविटी और संसाधन उपलब्धता को बढ़ाया है। हालांकि, शहरी यातायात और जल संकट जैसे मुद्दों का समाधान तकनीकी और नवीन दृष्टिकोण से करना होगा।
आजीविका, जिसमें कृषि, वस्त्र उद्योग, आवास और शिक्षा शामिल हैं, ग्रामीण और शहरी भारत की आधारशिला है। कृषि, जो 40% से अधिक लोगों को रोजगार देती है, पीएम-किसान योजना और आधुनिक खेती की तकनीकों के माध्यम से सशक्त हो रही है। इसी तरह, पीएम आवास योजना के तहत सस्ती आवास योजनाएँ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक सुधार समाज को मजबूत कर रहे हैं।
मानव संसाधन (स्वास्थ्य, पर्यटन, संस्कृति और कौशल विकास) लंबे समय तक टिकाऊ विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। आयुष्मान भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाया है और स्वदेश दर्शन ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान किए जा रहे हैं।
उद्योग, जिसमें स्टार्टअप, एमएसएमई, निर्यात-आयात और भारी उद्योग शामिल हैं, भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्टार्टअप इंडिया और पीएलआई योजना जैसे कार्यक्रम नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहे हैं।
ये चार स्तंभ एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। तकनीकी प्रगति, स्थिरता और सहयोग के माध्यम से भारत समावेशी विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है।
आइए, मिलकर विकसित भारत का निर्माण करें!