मिस्ड कॉल पार्टी का नरसंहार - मंजुल भारद्वाज
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मुंबई : देशभर में कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है हर कोई अपनों की जान बचाने के लिए बेबस नजर आ रहा है सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. आज के हालात पर लेखक 'मंजुल भारद्वाज' ने बहुत ही ख़ूबसूरत पंक्तिया लिखी है आप भी पढ़िए .
भारत की जनता
डिजिटल इंडिया के
भ्रम में फंस गई
मिस कॉल से
अपनी मौत को बुलाने की
चूक कर गई !
कीचड़ में खिले कमल से
अभिभूत हो गई
भारतीयता को भूल
हिन्दू राष्ट्र के
मृग जाल में फंस गई !
विकार में ऐसी लिपटी
सद्बुद्धि गवां बैठी
दुनिया के सबसे बड़े
लोकतंत्र को जला
अपनी चिता पर जा बैठी !
अपनी आस्था के अहं को
देश की अस्मिता बना लिया
सत्य का दामन छोड़
झूठ का कफ़न ओढ़ लिया !
साम्प्रदायिक सौहार्द का ताना बाना
हिन्दू होने के गर्व में
स्वाह कर दिया
संविधान की पंथ निरपेक्षता को
भगवा रंग दिया !
राष्ट्रवाद के अंधड़ में
विकास उड़ गया
अर्थ व्यवस्था
शासन,प्रशासन
सब उजड़ गया !
व्यक्तिवाद का गुरुर
सर चढ़कर बोला
घर घर हर हर
हर हिन्दू बोला
मन्दिर के लिए
चंदे का अंबार लग गया
पूरा देश बीमार हो गया !
आज एक एक सांस के लिए
पूरे देश में गुहार है
श्मशान में जलती चिताओं
कब्रिस्तान के जनाज़ों से मचा हाहाकार नहीं
यह मिस्ड कॉल पार्टी का नरसंहार है !
'मंजुल भारद्वाज'