India VS Pakistan : बल्लेबाज़ी भी और गोलीबारी भी ?
बल्ला और गोली एक साथ नहीं चलती...
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा से ही सबसे बड़ा रोमांच और चर्चा का विषय रहा है। दोनों देशों के बीच खेले जाने वाले मैच किसी त्यौहार से कम नहीं माने जाते। लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में शहीद हुए सैनिकों और निर्दोष नागरिकों के दर्द ने लोगों को गुस्से से भर दिया है।
इसी गुस्से का असर अब क्रिकेट पर भी दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया पर भारी संख्या में लोग भारत-पाकिस्तान मैच का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकवाद को लगातार बढ़ावा मिल रहा है, तब उसके साथ खेल के मैदान में उतरना शहीदों के बलिदान का अपमान है।
सोशल मीडिया पर बहिष्कार की लहर
ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #BoycottIndvsPak और #PahalgamAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई क्रिकेट प्रेमियों ने टिकट रद्द कर दिए हैं और कई लोग कह रहे हैं कि वे टीवी पर भी यह मैच नहीं देखेंगे।
राजनीति और भावनाएँ
राजनीतिक गलियारों में भी यह मुद्दा गर्म है। कुछ नेताओं ने पाकिस्तान से सभी तरह के खेल और सांस्कृतिक संबंध तोड़ने की मांग की है। वहीं खेल प्रेमियों का बड़ा वर्ग यह मानता है कि क्रिकेट को राजनीति और आतंकवाद से अलग रखा जाना चाहिए। लेकिन पहलगाम जैसे हमलों के बाद जनता की भावनाएँ उबाल पर हैं।
सवाल यह है…
क्या क्रिकेट के नाम पर पाकिस्तान के साथ दोस्ती का दिखावा करना सही है, जबकि उसी देश से आतंकवादियों को पनाह और समर्थन मिलता है? क्या केवल दर्शकों का बहिष्कार काफी होगा या सरकार को भी कड़े कदम उठाने चाहिए?