कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि अगर पत्रकारों के साथ कोई हिंसा या अन्याय हुआ तो वो उनकी मदद करेंगे। राहुल ने रविवार को इस संदर्भ में ट्वीट कर मीडिया की आजादी पर अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा, "कई मीडिया साथी सिर्फ़ एक व्यक्ति का चेहरा दिखाते हैं, विपक्ष की आवाज़ दबाते हैं- जनता तक नहीं पहुंचने देते. क्या उस व्यक्ति ने कभी आपके लिए आवाज़ उठायी?"
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा, "आपको जो सही लगे, वो कीजिए लेकिन आपके ख़िलाफ़ अन्याय-हिंसा होगी तो मैं पहले भी आपके साथ था और आगे भी रहूंगा।"
राहुल गांधी पहले भी मीडिया पर केवल सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पक्ष दिखाने का आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि विपक्ष के लिए मीडिया के पास कोई जगह नहीं है।
दुखद!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 19, 2021
कई मीडिया साथी सिर्फ़ एक व्यक्ति का चेहरा दिखाते हैं, विपक्ष की आवाज़ दबाते हैं- जनता तक नहीं पहुँचने देते। क्या उस व्यक्ति ने कभी आपके लिए आवाज़ उठायी?
आपको जो सही लगे, करिए लेकिन आपके ख़िलाफ़ अन्याय-हिंसा होगी तो मैं पहले भी आपके साथ था, आगे भी रहूँगा। #PressFreedom pic.twitter.com/9OJmHlzt5V
ट्वीट के साथ कई रिपोर्ट भी शेयर की
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ हैशटैग 'प्रेस फ़्रीडम' का इस्तेमाल करते हुए देश में पत्रकारों पर हो रहे हमलों से जुड़ी कई रिपोर्ट्स को साझा किया।
इस वीडियो में सबसे पहले लिखा गया- पत्रकारिता का गला घोंटती सरकार। उसके बाद, पांच रिपोर्टों या लेखों की हेडलाइन शेयर की गई है।
इनमें से सबसे पहली रिपोर्ट है, ''रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स का दावा- भारत पत्रकारों के लिए सबसे ख़तरनाक देशों में।"
वहीं दूसरी रिपोर्ट है, "अपने काम के लिए 2021 में भारत में 4 पत्रकारों की हत्या।"
तीसरी रिपोर्ट है, "भारत में दो साल में 228 पत्रकारों पर 256 हमले।"
चौथी रिपोर्ट में बताया गया, "2021 में 488 पत्रकारों को जेल: मीडिया के लिए भारत दुनिया के पांच सबसे ख़तरनाक देशों में।"
पांचवीं रिपोर्ट में "वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के अनुसार भारत की रैकिंग 180 देशों में 142: पत्रकारों के लिए भारत ख़तरनाक देशों में." का ज़िक्र है।