नई दिल्ली। महाराष्ट्र और देश के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने मंगलवार को आपने उस पुराने लेटर को लेकर स्पष्टीकरण दिया जो उन्होंने केंद्र की यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए लिखा था. इस पत्र में कृषि सेकटर में सुधारों की बात कही गई थी. कृषि कानूनों के मामले में किसानों के आंदोलन का सामना कर रही सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस मामले में शरद पवार और अन्य विपक्षी नेताओं पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। शरद पवार ने केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए शीला दीक्षित (दिल्ली) और शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश) जैसे मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे अपने राज्यों में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी एक्ट में संशोधन के लिए लिखा था.
इस लेटर के ऑनलाइन जारी हाने के बाद बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे पर पवार पर निशाना साधा है. इस मामले में सफाई देते हुए पवार ने कहा है, 'मैंने कहा था APMC में सुधार की जरूरत है. APMC एक्ट जारी रहना चाहिए लेकिन कुछ सुधारों के साथ. इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैंने पत्र लिखा था लेकिन उनके तीन कानूनों में APMC का भी जिक्र नहीं है. वे केवल लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, इसे ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख ने कहा कि कुछ विपक्षी पार्टियों इस मामले में सामूहिक पहल करते हुए यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बताएंगे. पवार ने कहा, 'कल विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के पांच-छह लोग साथ बैठे और सामूहिक रुख (collective stand)के बारे में विचार करेंगे. हमारा शाम पांच बजे राष्ट्रपति से मिलने का कार्यक्रम है. हम अपना सामूहिक रुख उनके सामने रखेंगे।