मुंबई में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, चारों तरफ कई महंगाई, सब्जियों की कीमत 100 रुपये के पार

आज भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय दोहरे संकट से गुजर रही है। कोरोना काल के बाद सोचा गया था कि भारतीय अर्थ व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी लेकिन बुरी तरह लड़खड़ा गई है। विपक्ष का सरकार पर हल्ला बोल शुरू है एक के बाद एक राजनीतिक षड्यंत्र सामने आ रहे है। गिरते रुपये के स्तर को कैसे संभाला जाए अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिससे आम इंसान परेशान है।

Update: 2022-08-07 04:33 GMT

मुंबई में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, चारों तरफ कई महंगाई, सब्जियों की कीमत 100 रुपये के पारमुंबई: कई राज्यों में भारी बारिश के बाद ईंधन दरों में लगातार बढ़ोतरी और सब्जियों की घटती आय के कारण सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। कई सब्जियों का थोक भाव 100 रुपये तक पहुंच गया है। इसलिए खुदरा में कई सब्जियों के भाव 120 से 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। श्रावण में शाकाहारियों के बढ़ने के कारण सब्जियों की भारी मांग है। इसलिए थोक व्यापारी भी भारी मुनाफा कमा रहे हैं।



नवी मुंबई के एपीएमसी के होलसेल मार्केट में पहले सब्जियों से भरे डेढ़ से दो हजार ट्रक रोजाना आते थे, लेकिन अब सब्जियों के लाने वाले ट्रकों की संख्या 500 हो गई है। थोक बाजार में टिंडली और मटर की कीमत 100 रुपये तक पहुंच गई है। इसलिए यह सब्जी शहर के खुले बाजारों और इसके बाहरी इलाकों में करीब 120 से 160 रुपये में बिकती है। इसी तरह भिंडा, चवली, ग्वार के भाव भी शतक का आंकड़ा पार कर चुके हैं।



जहां ज्यादातर सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एपीएमसी बाजार में फूल गोभी, लौकी, कद्दू और टमाटर का भाव 18 से 22 रुपये प्रति किलो है. कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में सब्जियों की आय में कमी और ईंधन के दाम बढ़ने से परिवहन लागत में बढ़ोतरी से भी सब्जियों के दाम बढ़े हैं। हर आवश्यक चीजों के बेतहाशा तेजी के साथ दाम बढ़ने से महंगाई की मार से हर कोई परेशान है। 

बढ़ती महंगाई के विरोध में विरोधी सड़कों पर उतर आए हैं। लेकिन आम जनता महंगाई की बात नहीं कर रही है, यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर हो क्या रहा है...


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