संगमनेर तालुका के उंबरी बालापुर में ग्राम पंचायत पर ग्रामीणों का हंडा मोर्चा, मानसून में भी लोगों नहीं मिल रहा पीने का पानी
अहमदनगर: संगमनेर तालुका में उंबरी बालापुर के ग्रामीणों का ग्राम पंचायत हंडा मोर्चा, जिसे संगमनेर तालुका में सबसे अधिक सिंचित बेल्ट माना जाता है, प्रवरा नदी तो दूसरी तरफ है प्रवरा कॅनल लेकिन लोगों को यहां पर पीने के लिए पानी नहीं है मानसून के इन दिनों ढिसाळ कारभार गांव गंभीर रूप से इन दिनों पानी से प्रभावित है देख जा सकता है। पानी की कमी का संकट और यहां तक कि बरसात के मौसम में भी। एक ओर मानसून सत्र चालू है विपक्ष बाढ़ प्रभावित और सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग पर आज विधानसभा के बाहर सरकार के खिलाफ इसको लेकर नारेबाजी करते देखा गया।
इसी को लेकर तालुका भर की मजदूर वर्ग का काम करने वाली महिला ने आज ग्राम पंचायत पर हंडा मोर्चा का आयोजन कर ग्राम पंचायत का विरोध किया। मोर्चा का नेतृत्व रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया सांगानेर तालुका के अध्यक्ष आशीष शेलके, एडवोकेट रवि शेलके, एकलव्य एसोसिएशन तालुका के अध्यक्ष अनिल बर्डे ने किया। मोर्चे शामिल महिलाओं और लोगों द्वारा ग्राम पंचायत और प्रशासन का खुलकर विरोध किया गया तालुका में पानी की समस्या को दूर करने की मांगों घंटो जारी रहेगी। लोगों ने मोर्चे के जरिए ग्राम पंचायत को चेतावनी दी कि अगर पानी की समस्या को जल्द से जल्द दूर नहीं किया जाता है तो इससे भी तगड़ा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ग्राम पंचायत सिंचाई क्षेत्र के कारण रात में अरनी के नल से पानी छोड़ती है, बाग का खुला पट्टा होने के कारण यहां पर बाघों का भय बना रहता है। गांव में बीमारियों की उपस्थिति होने के कारण रोग की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। नल से आ रहा पानी काफी गंदा और दूषित पानी, इस तरह का आरोप स्थानीय महिलाओं द्वारा लगाए गए है। एक तस्वीर ऐसी भी देखी जा रही है कि बालपुर ग्राम पंचायत गांव में बिजली, पानी, सड़क, मरम्मत कराने में भी धन के अभाव से सक्षम नहीं है। ग्राम पंचायत कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ होती जा रही है। बडे जनप्रतिनिधियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं होने से काफी समस्याओं से लोग परेशान है।