याद रखिए, बारसू के लोगों पर पुलिसिया जुल्म किए तो इसका खामियाजा राज्य सरकार को भुगतना होगा: नाना पटोले
स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए बिना पुलिस बल के सहारे किस तरह का विकास कर रही है राज्य सरकार? दिल्ली के आकाओं की महाराष्ट्र में दादागिरी नहीं चलेगी ।
स्पेशल डेस्क मैक्स महाराष्ट्र /मुंबई- रत्नागिरी जिले में बारसू रिफाइनरी परियोजना के लिए पुलिस बल की मदद से सर्वे किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी इस पुलिसिया जुल्म का कड़ा विरोध करती है। आखिर पुलिस बल के सहारे राज्य की शिंदे – फडणवीस सरकार किस तरह का विकास करना चाहती है ? स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए बिना इस प्रोजेक्ट को थोपना तानाशाही है और भाजपा सरकार की इस दादागीरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कड़ा अल्टीमेटम महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर बारसू रिफाइनरी का काम लोगों को डंडे मार कर पूरा किया गया तो इस सरकार को यह बात याद रखना चाहिए कि इसका पूरा खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
इस संबंध में बोलते हुए नाना पटोले ने भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोगों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि किसानों, युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों और लोगों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने साफ़ किया कि कांग्रेस विकास की विरोधी नहीं है, लेकिन अगर कोई ऐसी परियोजना है जो स्थानीय लोगों को तबाह कर देगी, अगर स्थानीय लोग उस परियोजना के खिलाफ हैं, तो उनसे बातचीत के माध्यम से रास्ता निकाला जा सकता है। अगर रिफाइनरी परियोजना को लेकर लोगों के मन में कोई शंका है तो भाजपा सरकार स्थानीय लोगों की इन शंकाओं का समाधान क्यों नहीं कर रही है? आखिर पुलिस बल के साथ किस प्रकार का सर्वेक्षण किया जा रहा हैं? यह दबंगई और तानाशाही नहीं चलने दी जाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी कोंकण के स्थानीय लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की शिंदे- फडणवीस सरकार, दिल्ली में बैठे मोदी-शाह के इशारों पर काम कर रही है। यही वजह है कि यह सरकार महाराष्ट्र के लोगों के हितों पर ध्यान नहीं दे रही है। पटोले ने कहा कि बारसू रिफाइनरी परियोजना को थोपने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल करने वालो इस सरकार को बताना चाहिए कि इस ताकत का इस्तेमाल वेदांता फॉक्सकॉन, टाटा एयरबस जैसी परियोजनाओं को गुजरात में जाने से रोकने के लिए क्यों किया। अगर इन परियोजनाओं को लेकर सरकार अपनी ताकत दिखाती तो महाराष्ट्र के लाखों युवाओं को रोजगार मिल जाता, लेकिन दिल्ली के इशारे पर काम कर रही भाजपा नीत शिंदे सरकार उस समय महाविकास आघाड़ी को तोड़ने में व्यस्त थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बारसू रिफाइनरी के लिए स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।