स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रगान का अपमान करने वाले संभाजी भिड़े के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करें:- अतुल लोंढे
राष्ट्रपिता का अपमान करने वाले 'गोडसे की औलाद ' सदावर्ते के खिलाफ कब कार्रवाई करेगी सरकार?
स्पेशल डेस्क मैक्स महाराष्ट्र /मुंबई- मनोहर उर्फ संभाजी भिड़े ने यह कह कर सभी भारतीयों का अपमान किया है कि 15 अगस्त को हमारे देश को जो आजादी मिली वह सच नहीं है। उनका यह बयान उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा है कि इस तरह के आपत्तिजनक बयान देकर देश की आजादी और राष्ट्रगान का अपमान करने वाले संभाजी भिड़े पर तुरंत देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए, अन्यथा कांग्रेस देखेगी कि इस मामले में आगे क्या करना है।
संभाजी भिड़े के बयान की सार्वजनिक रूप से निंदा करते हुए अतुल लोंढे ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस कानून के विद्वान हैं।उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि 15 अगस्त को भारत को जो आजादी मिली, वह सिर्फ राजनीतिक आजादी नहीं है बल्कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक आजादी की शुरुआत थी। मनुस्मृति ने इस देश के बहुजन समाज को पांच हजार वर्षों तक जिस आजादी से वंचित रखा था। ऐसे में भाजपा और संघ विचारधारा के लोगों को अखंड भारत की बात करने का भी अधिकार नहीं है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन बनाया, जिसके तहत 1940 में स्वतंत्र पाकिस्तान की मांग की गई. सावरकर ने भी इसी तरह की व्यवस्था की थी, जिसका ऐतिहासिक सच अब सामने आ रहा है। लोंढे ने पूछा है कि क्या आप संविधान दिवस को काला दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं. 1948 में तिरंगे का अपमान बताता है कि आपको आजादी और संविधान स्वीकार नहीं है। लोंढे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी मनुस्मृति के समर्थक हैं, उनकी मानसिकता है कि पूरा बहुजन समाज और महिलाएं उनके पैरों के नीचे रहें। हम इस तरह की प्रवृत्ति की कड़ी निंदा करते हैं और संभाजी भिड़े पर जल्द से जल्द देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हैं ।
गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस इन दिनों हमेशा औरंगजेब की औलाद की बात कह रहे हैं लेकिन क्या उन्हें यह मान्य है कि गुणरत्न सदावर्ते, गोडसे की औलाद की तरह उनकी फोटो लेकर सार्वजनिक रूप से नाचें। लोंढे ने यह भी कहा कि अगर सरकार में वाकई ताकत है तो गोडसे की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें जो लगातार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करते हैं।