क्यों चलाया किसान ने एक एकड़ गेंदे की फसल पर ट्रैक्टर

गावडेवाडी के किसानों ने गेंदे के फूल की एक एकड फसल पर चलाया ट्रैक्टर भाव कम मिलने से सरकार पर जताई नाराजगी

Update: 2022-08-19 07:23 GMT

सोलापुर: महाराष्ट्र में तेज बरसात से जिला बाढ़ प्रभावित तो कहीं पर बारिश ठीक से न होने पर सूखाग्रस्त होने के कारण दोनों तरफ से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों को सरकार मुआवजा दिया जाए इसको लेकर विपक्ष कई दिनों से सरकार से मांग कर रहा है लेकिन सरकार पंचनामा इत्यादि कराने के बाद किसानों बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुआवजा बांटेगी वो भी कैसे इसको लेकर भी कोई खुलासा नहीं है। एक एकड गेंदे की फसल पर किसान ने चलाया टैक्टर और सरकार के खिलाफ जताई नाराजगी।



कल महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री पर एक बड़ा ही सवालियां निशान लगाते हुए सदन में बयान दिया कि नई सरकार बनते ही राज्य में हर दिन औसतन तीन किसान आत्महत्या करते हैं। मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद से पिछले 45 दिनों में 137 किसानों ने आत्महत्या की है।  इन किसानों की विधवा पत्नियों को क्या करना चाहिए? किसानों को इसका जवाब मिलना चाहिए कि सरकार उनके करीब क्यों नहीं महसूस करती। राज्य में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने किसानों को आत्महत्या से हतोत्साहित करने के लिए नीतियों को लागू करने की बात कहकर सरकार पर कड़ा प्रहार किया।

दक्षिण सोलापुर तालुका के गावडेवाडी के एक किसान अन्ना हाक्के ने गेंदा की फसल के ऊपर ट्रैक्टर चलाया। उन्होंने 1 एकड़ में लगाए गए गेंदे के फूल पर  ट्रैक्टर को घुमाया पूरे गेंदे के फसल को नष्ट कर दिया और सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया है। महंगी खाद व अन्य कृषि कार्यों पर भारी मात्रा में खर्च करने के बावजूद सोलापुर मंडी में 25 किलो गेंदे फूलों भाव मात्र 100 रुपये में मिलने से निराश होकर किसान ने यह कदम उठाया है। राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से किसान संकट में हैं। विपक्षी दल की ओर से इन किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए नियम 293 के तहत विधानसभा में एक प्रस्ताव दायर किया गया था। इस प्रस्ताव पर बोलते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने सरकार पर तंज कसा।

हताशा और निराशा में यह कोई पहला किसान नहीं है अन्ना हाक्के इसके पहले भुसावल में एक केले की खेती करने वाले किसान ने भी अपनी फसलों को खेतो में काटकर फेंक दिया था सरकार के खिलाफ रोष जताया था। प्याज की उपज करने वाले किसानों ने तेज बारिश के चलते औने पौने दामों पर अपनी प्याज की पैदावार को बेचकर मंडी में घर पर बैठे है जो फसल फिर लगाई उसो बरसात बहा लेग गई जो बची थी उसको कीड़े खा रहे है। किसानों को सरकार की तरफ से अभी कहीं भी किसानों को कोई सहायता राशि या मुआवजे का बटवारा नहीं हुआ है। 

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