माना राह बदल रही है पर लोग अपने हैं.. और मैं उनका​-​ राहुल गांधी

नोटबंदी से जुड़ा आम लोगों के जीवन का कड़वा सच और सोचिए- इस नोटबंदी से आख़िर किसका भला हुआ है? ​यह मोदी का जुमला ​था और कुछ नहीं। आमतौर से आदमी सुबह उठता है, थकान नहीं होती। दिनभर काम करता है, शाम को थकान होती है। होती है न?

Update: 2022-11-08 15:40 GMT

स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा स्टेज पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, हमारे प्यारे कार्यकर्ता, भाइयों और बहनों, प्रेस के हमारे मित्रों, आप सबका यहाँ बहुत-बहुत स्वागत। आज आप सब हमारे साथ पूरा दिन चले हैं। आपने अपनी शक्ति, अपना प्यार, इस यात्रा को दिया, इसके लिए सबको धन्यवाद। पीछे कृष्णकुमार पांडे जी की फोटो है। उन्होंने यात्रा को अपनी जान दी और ये कांग्रेस पार्टी और हम कभी नहीं भूल पाएंगे। हमने सोचा था कि हमारे जो यात्री हैं, सब के सब अंत तक पहुंचेंगे, मगर दुख की बात है कि हमारे एक प्यारे साथी हमारे साथ श्रीनगर तक नहीं पहुंच पाए, मगर जो उनकी सोच है, वो हमारे साथ चलेगी और वो श्रीनगर तक पहुंचेगी।

आपको याद होगा, कुछ साल पहले, इसी दिन नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की थी। 8 बजे रात को, मतलब अभी 7 बज रहे हैं, इसके एक घंटे बाद नरेन्द्र मोदी जी टीवी पर आए और उन्होंने कहा कि मैं 500 रुपए और हजार रुपए के नोट को रद्द करने जा रहा हूँ और कालेधन के खिलाफ मैं लड़ाई लड़ रहा हूँ। सच्चाई ये थी कि नोटबंदी कालेधन को मिटाने के लिए नहीं की गई थी। नोटबंदी जो हमारे छोटे व्यापारी हैं, स्मॉल और मीडियम बिजनेस चलाने वाले लोग हैं, जो हमारे किसान हैं, उन पर आक्रमण हुआ और उसका नतीजा आज तक हिंदुस्तान के हर गरीब को दिख रहा है।

नोटबंदी के बाद उन्होंने गलत जीएसटी लागू की और इन दो पॉलिसियों ने जो हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी है, जो इस देश को रोजगार दिलवाती है, किसान, छोटे बिजनेस वाले, छोटे दुकानदार इन सबको नष्ट कर दिया, खत्म कर दिया। यहाँ आने से पहले मैं युवाओं से मिला, 5-10 युवाओं से मिला और मैंने उनसे सवाल पूछा, वो एग्जाम के बारे में आए थे, डेलिगेशन आया था, एग्जाम के बारे में बात कर रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि आपको क्या लगता है, आज के हिंदुस्तान में आपने पढ़ाई कर ली, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल सब कुछ कर लिया, माता-पिता ने आपकी शिक्षा में लाखों रुपए लगा दिए, आपको क्या लगता है, आपको रोजगार मिलेगा? चुप हो गए। क्योंकि आज हिंदुस्तान की सच्चाई है।


हमारे देश में आज युवा पढ़ सकता है, स्कूल जा सकता है, कॉलेज जा सकता है, मगर रोजगार उसे नहीं मिल सकता। स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग पढ़ते हैं, सालों लगा देते हैं और फिर उसके बाद इंजीनियर नहीं बनते, मजदूरी करते हैं। कोई मजदूरी करता है, कोई उबर की गाड़ी चलाता है। यह हिंदुस्तान की सच्चाई है, महाराष्ट्र की सच्चाई है और जो आपका शिक्षा का सिस्टम है, स्वास्थ्य का सिस्टम है, वो पूरा का पूरा प्राइवेट आइज किया जा रहा है। 2-3 लोग हैं, इनके हवाले नरेन्द्र मोदी और आपकी यहाँ की सरकार पूरा का पूरा ढांचा उनके हवाले कर रही है।

मैंने उनसे पूछा, युवाओं से पूछा कि भाई, बताओ, बेरोजगारी के कारण बताओ। मुझे कहते हैं कि जो पब्लिक सेक्टर था, जिसमें हमारे जैसे लोगों को रोजगार मिलता था, थोड़ी सिक्योरिटी होती थी, उन्होंने कहा- पूरा का पूरा पब्लिक सेक्टर प्राईवेटाइज किया जा रहा है, बंद किया जा रहा है। तो वो भी रास्ता बंद है। नोटबंदी ने, जीएसटी ने एक रास्ता बंद किया, प्राइवेटाइजेशन दूसरा रास्ता बंद कर रहा है। तो ये देश की हालत है और इन पॉलिसियों का लक्ष्य हिंदुस्तान की गरीब जनता को डराने का है। किसान को डराने का, मजदूर को डराने का, युवा को डराने का है और बीजेपी और आरएसएस डर को फिर नफ़रत में बदल देते हैं। डर के बिना नफ़रत हो ही नहीं सकती। अगर डर नहीं है, तो नफरत नहीं हो सकती। अगर डर है तो उसको नफरत में बड़ी आसानी से बदला जा सकता है, ये हिंदुस्तान में हो रहा है और इससे देश का कोई फायदा नहीं होने वाला है। बेरोजगारी से, महंगाई से देश का कोई फायदा नहीं होगा।

नफ़रत से देश का कोई फायदा नहीं होने वाला है और ये इस देश का इतिहास ही नहीं है। ये भाईचारे का देश है, एकता का देश है, इज्जत का देश है। इसलिए हमने 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू की। 3,600 किलोमीटर की यात्रा है। तमिलनाडु में, कन्याकुमारी में शुरू किया। 60 दिन हो गए हैं। मैं आपको बता रहा हूँ ऐसा लग रहा है कि आज सुबह हमने शुरुआत की, अजीब सी बात है। हमारे यात्री हैं, उनसे आप पूछो, किसी को समझ नहीं आ रही बात, 25-25 किलोमीटर हर रोज चलते हैं। 60 दिन से चल रहे हैं, अभी मैं भाषण दे रहा हूँ, ऐसा लग रहा है कि 15 मिनट पहले मैंने शुरू किया, ये हो क्या रहा है?



मैं यहाँ लंबा भाषण नहीं देना चाहता हूँ। राजनेता आते हैं, 2 घंटे का भाषण करते हैं। कोई जरुरत नहीं है। हम यहाँ आए हैं, 7 घंटे चले हैं, सुबह से शाम, हम आपसे बात कर रहे हैं, किसानों से, युवाओं से। अभी विकलांग औरत मिली मुझे, उसके दिल में जो था, उसने मुझे बताया। उसकी व्हील चेयर को धकेला मैंने। हम आपकी बात सुनने आए हैं, क्योंकि हम जानते हैं, आप सब कुछ समझते हो। खेती के बारे में सीखना हो, किसी ब्यूरोक्रेट की जरुरत नहीं होती है। खेती के बारे में सीखना हो तो किसान के साथ बैठ जाओ, 15 मिनट में वो आपको समझा देगा, जो समझना है। वो क्या कह रहा है? कह रहा है कि हमारा कर्ज माफ नहीं होता।




 


हिंदुस्तान के अरबपतियों का कर्जा दो मिनट में माफ हो जाता है, हमारा नहीं होता, हमने क्या गलती की? हमने कौन सी गलती कर दी? वो बता रहा है, कहता है, हमें एमएसपी नहीं मिलती। वो कह रहा है, आज मुझे बताया, एक किसान मिला, 20 मिनट उसने मुझे समझाया, नरेन्द्र मोदी जी की जो बीमा योजना है, इसके बारे में समझाया। कहता है, हम पैसा डालते हैं, सरकार पैसा डालती है, और सीधा का सीधा पैसा हिंदुस्तान के 2-3 सबसे बड़े अरबपतियों की जेब में जाता है। हमारा खेत बर्बाद होता है। आंधी आती है, तूफान आता है, हमारा खेत बर्बाद हो जाता है, तो न हमें इंश्योरेंस कंपनी का फोन नंबर मिलता है, न ऑफिस मिलता है, न पैसा मिलता है। तो अगर किसानों से बात की, 15 मिनट, 20 मिनट में वो समझा देंगे क्या हो रहा है। छोटे दुकानदार से बात करो, वो बता देगा। नरेन्द्र मोदी जी ने कालेधन के खिलाफ लड़ाई लड़ी या छोटे बिजनेस को खत्म कर दिया, वो बता देगा, दो मिनट में। युवाओं से पूछो, वो कहेगा, कि भईया, मुझे रोजगार नहीं मिल सकता। कुछ भी हो जाए, मैं जानता हूँ, मैं इंजीनियर नहीं बन सकता। ये देश की सच्चाई है और इसको बदलना है।

देश में आरएसएस और नरेंद्र मोदी जी ने, बीजेपी ने नफ़रत की राजनीति शुरू की है। भाई को भाई से लड़ते हैं। अच्छा, मैं आपसे पूछता हूँ, परिवार में जब दो भाई लड़ते हैं तो परिवार का फायदा होता है क्या? परिवार में बेटा और पिता लड़ते हैं, परिवार आगे जा सकता है क्या? बर्बाद होता है न? तो फिर आप मुझे समझाओ, अगर जब भाई-भाई के साथ लड़ता है, परिवार बर्बाद होता है, तो फिर यहाँ देश में अगर भाई-भाई से लड़ेगा तो देश का क्या होगा- बर्बाद होगा। तो ये लोग अपने आप को देशभक्त कहते हैं। कैसे देशभक्त हैं ये? देश में नफ़रत फैला रहे हैं, एक भाई को दूसरे भाई से लड़ा रहे हैं, एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ा  रहे हैं, एक जाति को दूसरी जाति से लड़ा रहे हैं, एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ा रहे हैं और फिर कहते हैं, हम देशभक्त हैं। कौन से देश के भक्त हो, आप? इस देश के भक्त तो नहीं हो। तो इसलिए हमने ये यात्रा शुरू की और मतलब, हमने कन्याकुमारी से शुरू किया और कश्मीर में, श्रीनगर में ये जो हमारा तिरंगा है, इसको हम वहाँ पर जाकर लहराएंगे और आपने हमें इतनी शक्ति दी है, इतना प्यार दिया है, मैं आपको बता भी नहीं सकता।





 


मैं यहाँ 3-4 घंटे बैठ जाऊँ, तब भी मैं आपको समझा नहीं सकता कि आपने मुझे कितना प्यार दिया है, कितनी शक्ति दी है। इसलिए मैं दिल से आपको धन्यवाद करना चाहता हूँ। दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ और एक बार फिर आज दुख का दिन है ,पांडे जी झंडा लिए चल रहे थे, आखिरी सेकेंड तक झंडा लिए चल रहे थे और फिर शहीद हुए हैं। तो ये मीटिंग उनकी याद में है। उनके परिवार को हम सबका, पूरी कांग्रेस पार्टी का, हर कार्यकर्ता का, हर नेता का प्यार और उनको मालूम होना चाहिए कि ये पूरी पार्टी, इस पार्टी का हर एक कार्यकर्ता, हर एक नेता आपके साथ है, आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है।


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