मुंबई का दादर स्थित शिवाजी पार्क हमेशा से अपनी खूबसूरती और सैर-सपाटे के लिए मशहूर रहा है। यहां की हरियाली, बच्चों का खेल और लोगों की चहल-पहल इसे एक खास जगह बनाते हैं। लेकिन इन दिनों यहां कुछ ऐसा देखने को मिल रहा है जो डिजिटल इंडिया की छवि को और मजबूत करता है।
शिवाजी पार्क में घुड़सवारी का आनंद लेने वाले लोगों के लिए अब एक डिजिटल पेमेंट का नया तरीका शुरू हुआ है। यहां घोड़ों की पीठ पर QR कोड लगाए गए हैं, जिनके जरिए लोग डिजिटल पेमेंट करके घुड़सवारी का मजा ले सकते हैं।
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
घुड़सवारी करने वाले हर घोड़े की पीठ पर एक QR कोड चिपकाया गया है।
सवारी करने के बाद, ग्राहक अपने मोबाइल से उस QR कोड को स्कैन करके 50 रुपये प्रति राइड का भुगतान कर सकते हैं।
यह प्रक्रिया न केवल तेज है, बल्कि ग्राहकों के लिए सुविधाजनक भी है।
लोगों में उत्साह और प्रतिक्रिया
इस अनोखी पहल ने शिवाजी पार्क आने वाले बच्चों और परिवारों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है।
डिजिटल पेमेंट के कारण अब नकदी की चिंता नहीं करनी पड़ती।
एक स्थानीय नागरिक ने कहा, "यह एक शानदार पहल है। इससे घुड़सवारी करना और भी आसान हो गया है।"
डिजिटल इंडिया की ओर कदम
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को भी समर्थन देता है।
घुड़सवारी जैसे पारंपरिक अनुभव को डिजिटल पेमेंट से जोड़कर आधुनिक और सरल बनाया गया है।
इससे स्थानीय घुड़सवारी व्यवसायियों को भी लाभ हो रहा है।
शिवाजी पार्क की डिजिटल घुड़सवारी क्यों खास है?
किफायती: मात्र 50 रुपये में एक राइड।
सुविधाजनक: पेमेंट के लिए नकदी की जरूरत नहीं।
पर्यावरण-अनुकूल: डिजिटल पेमेंट के कारण कागज और रसीद की बचत।
निष्कर्ष
शिवाजी पार्क के घोड़ों पर QR कोड लगाकर डिजिटल पेमेंट का यह सिस्टम पारंपरिक घुड़सवारी को आधुनिकता से जोड़ता है। यह पहल न केवल ग्राहकों को सुविधा देती है, बल्कि मुंबई की स्मार्ट और डिजिटल छवि को भी बढ़ावा देती है। अगर आप भी शिवाजी पार्क घूमने जा रहे हैं, तो इस अनोखी डिजिटल घुड़सवारी का आनंद लेना न भूलें!