राज्यपाल को दिखाना होगा कोल्हापुरी जोड़ी! शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के तरकस से चला प्रतिकात्मक तंज
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज जो हिंदूत्व की बात करके अपनी राजनीति कर रहे है वो क्यों चुप नहीं अगर वो हिंदूत्व को आगे लेकर जाने की बात कर रहे है अब कहा हिंदूत्व कहा गया क्यों चुप बैठे है।
मुंबई: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के विवादित बयान की कड़ी आलोचना की है। यह शोध का विषय है कि यह उनके होठों से आया है या उनके पेट से, लेकिन राज्यपाल ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि दिल्ली में बैठे लोगों की जान मुंबई में है। हमारे साथ गैरमराठी लोग हैं, जो अपने कर्मों संस्कारों का सही से पालन करते हैं। लेकिन राज्यपाल ने इस तरह के बयान देकर फूट पैदा करने की कोशिश करने का प्रयास किया है इस तरह का भी आरोप लगाया है। उद्धव ठाकरे ने आलोचना की है कि राज्यपाल का पद सम्माननीय है लेकिन उस कुर्सी पर बैठे व्यक्ति ने इसका सम्मान नहीं किया है। उद्धव ठाकरे ने भी राज्यपाल को सलाह देते हुए कहा है, 'जब मैं मुख्यमंत्री था, तो लॉकडाउन के दौरान राज्यपाल ने सभी धार्मिक स्थलों को खोलने पर जोर दिया, उन्होंने सावित्रीबाई के फूलों के बारे में एक जघन्य बयान दिया, अब उन्होंने फिर से एक विनाशकारी बयान दिया है। "
उन्होंने चेतावनी दी, "राज्यपाल ने महाराष्ट्र में कई अच्छी चीजें देखी होंगी। महाराष्ट्र में देखने के लिए बहुत कुछ है, यह कहने का समय है, 'महाराष्ट्र का घी देखा, कोल्हापुर का जोड़ा नहीं देखा।" इस तरह का तंज कसते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उसको दिखाने की आवश्यकता है, लेकिन उसका उपयोग कैसे किया इसके लिए विचार किया जाना जरूर है। "उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कही पर तत्परता ऐसी दिखाते है जिसमें जरा भी देरी नहीं होती है, कही कही पर अजगर की तरह सुस्त हो जाते है इसका कारण क्या है केंद्र की तरह आज्ञा का पालन करने के लिए तत्परता और महाराष्ट्र में जहां विपक्ष की महाविकास आघाडी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में 12 विधान परिषद सदस्यों की नियुक्ति को उन्होंने लटका कर रखा जो भी अधर में लटका रहा.....
उन्हें इस बात का पछतावा है कि महाराष्ट्र को दुनिया जानती है, लेकिन राज्यपाल को नहीं, यह कहते हुए कि मुंबई का सही अधिग्रहण किया गया है, और कोश्यारियों ने उन्हें नहीं दिया है। उद्धव ठाकरे ने यह भी आलोचना की है कि राज्यपाल ने शपथ लेते समय जातियों को एक साथ रखने की शपथ ली है, लेकिन राज्यपाल ने हिंदुओं में विभाजन पैदा करने, जाति-धर्म के आधार पर आग लगाने जैसे काम किए हैं। उद्धव ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्होंने पिछले तीन साल से महाराष्ट्र का नमक खाया है। उन्होंने कहा है कि नव हिंदुओं को भी अब राज्यपाल के बयान पर अपनी स्थिति पूछनी चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने राज्यपाल को तुरंत वापस भेजने की भी मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और इस तरह के वक्तव्यों से भावनाओं को नहीं भडकाना चाहिए।