फिल्म ‘छावा’, जिसमें अभिनेता विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाई है, इन दिनों विवादों में घिरी हुई है। इस फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर महाराष्ट्र में भारी विरोध हो रहा है, और इस कारण इसके बैन होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
क्या है पूरा विवाद?
फिल्म के एक दृश्य में विक्की कौशल, जो छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका में हैं, लेझीम नृत्य करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दृश्य पर आपत्ति जताते हुए महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने फिल्म निर्माताओं से इसे हटाने की मांग की। राज ठाकरे ने साफ कहा कि संभाजी महाराज का योगदान और फिल्म का महत्व नृत्य से ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए इस दृश्य को हटाया जाना चाहिए।
निर्देशक का बयान
बढ़ते विरोध के बाद फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने मीडिया के सामने आकर यह घोषणा की कि वह फिल्म से लेझीम डांस वाला दृश्य हटा देंगे। हालांकि, इस विवाद ने फिल्म को लेकर चर्चाओं को और तेज कर दिया है।
फिल्म पर लगे अन्य आरोप
इस विवाद के बीच एक और बड़ा आरोप फिल्म पर लगाया गया है। कुछ लोगों का दावा है कि फिल्म में विक्की कौशल द्वारा बोले गए संवाद में बदलाव किया गया है।
विवादित संवाद: "हे राज, हावे ही छत्रीची इच्छा"
वास्तविक संवाद: "हिंदवीराज, हावे ही छत्रीची इच्छा"
यानी फिल्म में ‘हिंदवीराज’ शब्द को हटाकर सिर्फ ‘हे राज’ कहा गया है, जिससे ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया जा रहा है।
क्या फिल्म पर लग सकता है बैन?
महाराष्ट्र में मराठा इतिहास से जुड़ी भावनाएं बहुत गहरी हैं, और कई संगठन किसी भी गलत प्रस्तुतीकरण को बर्दाश्त नहीं करते।
अगर विरोध बढ़ता है, तो सेंसर बोर्ड भी इस पर सख्त कदम उठा सकता है।
सरकार पर भी राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है कि इस फिल्म की जांच की जाए और अगर जरूरत पड़े तो इसे बैन कर दिया जाए।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग मानते हैं कि इतिहास के नायकों को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म को बिना देखे ही विरोध करना सही नहीं है।
क्या होगा आगे?
अब सभी की निगाहें फिल्म निर्माताओं और सेंसर बोर्ड पर टिकी हैं। लक्ष्मण उतेकर ने लेझीम डांस हटाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि विवादित डायलॉग पर भी कोई कार्रवाई होगी या नहीं। अगर यह विवाद और बढ़ता है, तो यह संभव है कि फिल्म पर बैन लगाने की मांग और तेज हो जाए।
क्या आपको लगता है कि ‘छावा’ को बैन किया जाना चाहिए, या इसे विवादों से बचाकर रिलीज होने देना चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!