30 करोड़ लोगों को ही मुफ्त कोरोना वैक्‍सीन,तो क्या बाकी को चुकाने होंगे पैसे?

Update: 2020-12-03 03:30 GMT

नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया और भारत बायोटेक के वैक्सीन के तीसरे फेज के एडवांस स्टेज में पहुंचने के साथ ही सरकार के वैक्सीन वितरण की रणनीति साफ होने लगी है। कोरोना की जांच व मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कíमयों, सफाई कर्मियों के साथ अन्य कोरोना वारियर्स के साथ-साथ 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर मुफ्त में वैक्सीन देगी। अन्य लोगों को वैक्सीन के लिए न सिर्फ लंबा इंतजार करना पड़ेगा, बल्कि उसकी कीमत भी उन्हें खुद चुकानी पड़ सकती है। वैसे राज्य सरकारों को भी अपने-अपने प्राथमिकता वाले ग्रुप की पहचान कर उन्हें वैक्सीन देने की छूट होगी। केंद्र सरकार थोक में वैक्सीन खरीद कर सस्ती दरों पर राज्यों को उपलब्ध कराएगी।

आम लोगों को कोरोना का मुफ्त वैक्सीन उपल्बध कराने के संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का कोई भी अधिकारी खुल कर बोलने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने साफ संकेत दिया कि केंद्र सरकार सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराने जा रही है। उनके अनुसार केंद्र सरकार ने कभी भी सभी लोगों को वैक्सीन देने की बात नहीं की थी। आइसीएमआर के महानिदेशक डाक्टर बलराम भार्गव के अनुसार सरकार की कोशिश वैक्सीन देकर कोरोना के संक्रमण की कड़ी को तोड़ना भर है और वैक्सीन के साथ-साथ मास्क भी इसमें अहम भूमिका निभाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन देने का फैसला किया है। इनमें 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति भी शामिल हैं, जिनमें कोरोना के कारण मरने की वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। प्रति व्यक्ति दो डोज के हिसाब से प्राथमिकता वाले लोगों के लिए ही कुल 60 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। उनके अनुसार दुनिया के सबसे वैक्सीन उत्पादक देश होने के बावजूद मौजूदा क्षमता के अनुसार 60 करोड़ डोज मिलने में छह से सात महीने के समय लग जाएगा। सरकार ने अगस्त-सितंबर तक सभी प्राथमिकता वाले समूहों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है। यानी उसके पहले आम लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो पाना मुश्किल है और उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा। 

Tags:    

Similar News