शहद का इस्तेमाल करते हैं तो हो जाओ अलर्ट! 77% में मिलावट चौंकाने वाला खुलासा

Update: 2020-12-03 09:16 GMT

नई दिल्ली। शहद में मिलावट की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने पाया है कि ज्यादातर कंपनियों के शहद में चाइनीज शुगर सिरप यानी चीनी का घोल मिलाया जा रहा है। सीएसई ने 13 कंपनियों के शहद के नमूनों की जांच कराई, जिनमें से 77 फीसद में मिलावट पाई गई। सीएसई ने शहद के नमूनों की जांच पहले गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) में कराई। यहां सभी बड़ी कंपनियों के नमूने पास हो गए, जबकि कुछ छोटी कंपनियों के नमूने फेल हो गए। जब इन्हीं सैंपल्स को जर्मनी स्थित प्रयोगशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस परीक्षण के लिए भेजा गया तो लगभग सभी बड़े-छोटे ब्रांड्स विफल हो गए। परीक्षण में शामिल 13 ब्रांड्स में केवल तीन यहां परीक्षण में सफल रहे।

सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में बताया कि शहद की शुद्धता की जांच के लिए तय भारतीय मानकों के जरिये इस मिलावट को नहीं पकड़ा जा सकता, क्योंकि चीन की कंपनियां ऐसे शुगर सिरप तैयार कर रही हैं, जो भारतीय जांच मानकों पर आसानी से खरे उतर जाते हैं। संस्था का दावा है कि चीन में ऐसे कई कारोबारी वेब पोर्टल चल रहे हैं जो जांच में पकड़ में नहीं आने वाला शुगर सिरप बेचने का दावा करते हैं। जो कंपनियां ऐसा दावा कर रही हैं, वही भारत में अपने प्रोडक्ट्स का निर्यात भी कर रही हैं। डाबर और पतंजलि ने सीएसई के दावों का खंडन किया है। कंपनियों का कहना है कि वह प्राकृतिक तरीके से शहद जुटाती हैं। यह रिपोर्ट उनके ब्रांड की छवि खराब करने की सोची-समझी कोशिश लग रही है। बीते वर्ष भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने आयातकों और राज्यों के खाद्य आयुक्तों को बताया था कि देश में आयात किया जा रहे गोल्डन सिरप, इनवर्ट शुगर सिरप और राइस सिरप का इस्तेमाल शहद में मिलावट के लिए किया जा रहा है। 

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