कोरोना काल में 46 फीसद भारतीय जी रहे उधार की जिंदगी

Update: 2020-11-04 05:00 GMT

फाइल photo

 दिल्ली। कोरोना काल ने लोगों को अपना घर चलाने के लिए उधार लेने को मजबूर कर दिया। इसका खुलासा होम क्रेडिट इंडिया रिसर्च ने किया है। प्रत्येक चार में से एक शख्स ने अपने मित्रों या परिजनों से धनराशि उधार ली ताकि उनके परिवार की रोजाना की जरूरतें पूरी हो सके। 2020 में 15 फीसद लोगों की नौकरी चली गई, 46 फीसद लोगों ने अपनी आवश्यक जरूरतों के लिए उधार लिया वहीं 27 फीसद लोगों को अपना EMI चुकाना है।

मुंबई और भोपाल में सबसे अधिक लोगों (27 फीसद) ने उधार लिया इसके बाद दिल्ली में 26 फीसद लोग , पटना में 25 फीसद लोग ने उधार लिया है। 2019 में भी 46 फीसद लोगों ने उधार लिया था और 33 फीसद लोगों ने अपनी लाइफस्टाइल अपग्रेड करने के लिए उधार लिया था। इंडस्ट्री में वेतन कटौती और नौकरी चली जाने के कारण समाज का निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। चीफ मार्केटिंग एवं कस्टमर एक्सपीरियंस ऑफिसर मार्को केयरविक के अनुसार, ''हम अपने ग्राहकों और उनकी प्राथमिकताओं को समझने के लिए हर साल अध्ययन करते हैं। महामारी का असर धीरे-धीरे सामने आ रहा है और लोगों को बहुत मुश्किल वक्त से गुजरना पड़ रहा है।

भारत में लोगों के कर्ज लेने के तरीके को लेकर हमारे अध्ययन में कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं, जो कोविड से पहले के समय की तुलना में काफी अलग हैं। लॉकडाउन के दौरान लोगों ने दोस्तों और परिवार के लोगों से कर्ज लेने को अपनी प्राथमिकता में रखा, क्योंकि महामारी ने परिस्थितियों को अनिश्चित कर दिया है और दोस्तों या परिजनों से लिए गए कर्ज को चुकाने में आसानी होती है। आय घट गई है, जिसके कारण लोगों को घर की जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेना पड़ा।

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